भाग लेना न भूलिए!
अमर भारती साप्ताहिक पहेली-100
18 सितम्बर को प्रकाशित होगी!
जिसका उत्तर प्रकाशित करने में
हमारी टीम को 15 दिनों का समय लग जाएगा!
जिसमें आद्योपान्त लेखा-जोखा निकाल कर ही
परिणाम दिये जाएँगे।
पहेली नं. 100 का सही उत्तर देने वालों को
ब्लॉगश्री की मानद उपाधि से
अलंकृत किया जाएगा!
अमर भारती साप्ताहिक पहेली-99 में
क्ल्यू
यह पौधा वरसात में कच्ची जमीन में
घास और जंगली पौधों के साथ उग आता है।
सितम्बर के अन्त में इस पर फलिया आती हैं
और बाद में यह सूख जाता है।
उत्तर देने का समय
13 सितम्बर, 2011, सायं 7 बजे तक!परिणाम 14 सितम्बर, 2011 को प्रातः10 बजे तकप्रकाशित किये जायेंगे!------------------सबसे पहले पहेली कासही उत्तर देनेवाले कोन.-1 तथा पहेली का विजेताघोषित किया जायेगा!इसके बाद सभी उत्तर देने वालों कालेखा-जोखा प्रस्तुत जायेगा!पहेली के विजेता कोऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा!
13 सितम्बर, 2011, सायं 7 बजे तक!
परिणाम 14 सितम्बर, 2011 को प्रातः10 बजे तक
प्रकाशित किये जायेंगे!
------------------
सबसे पहले पहेली का
सही उत्तर देनेवाले को
न.-1 तथा पहेली का विजेता
घोषित किया जायेगा!
इसके बाद सभी उत्तर देने वालों का
लेखा-जोखा प्रस्तुत जायेगा!
पहेली के विजेता को
ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा!
16 टिप्पणियां:
मेथी
"पमार" का पौधा है यह
कुछ जगह पमाड़ भी बोला जाता है इसको
यह Chakramarda का पौधा है यह वार्षिक उगने वाली खरपतवार है
Biological Name: Cassia tora
Other Names: Jue ming zi, Prapanna, Cassia, Takara, chakramarda, cassia seed, chakunda
ये तो बहुत ही कामन वीड है जगह जगह बिखरी उगी पड़ी है इसकी सही जानकारी मिली आज
धन्यवाद
मेथी ही लगता है.....मेथी!!
शास्त्री जी,
हमारे यहा तो इस पेड़ को "पमहाड़" के नाम से जाना जाता है .... आपके यहा पता नहीं किस नाम से जानते है
इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता , न तो ओसे पशुओ को खिलाया जाता है और न ही इसकी फलियो का कोई इस्तेमाल होता है
शायद कोई जड़ी बूटी हो तो इसके बारे मे हमे नहीं पता
methi kah rahe hain to methi hi hoga hamein to pata nahi.
'gwaar ki fali'.
'gwaar ki fali'.
मूँगफली का पौधा है श्रीमन्त ।
हमारे घर पर इनकी खेती पहले होती थी ।
इनके फल भी सितम्बर के आस पास ही आते हैं ।
हमारे तरफ इनकी आज भी पर्याप्त मात्रा में खेती की जाती है ।
hamare taraf aisi ek ghas hoti hai jise chakvad kahte hain
iski pattiyan aur phool dono hi usse milte hain
mujhe to ye chakvad hi lag raha hai
चकवड़ का पौधा है ये ......
yeh maithi ka paudha hai.
यह एक मेथी के सामान दिखने वाली पत्तियों वाला पौधा है |इसका नाम है
'लचका 'यह दीखता तो माथी जैसा है पर स्वाद में कड़वा होता है |
आशा
चकवड़ को पवाड़, पवाँर, जकवड़ आदि नामों से पुकारा जाता है।
संस्कृत- चक्रमर्द। हिन्दी-पवाड़, पवाँर, चकवड़। मराठी- टाकला। गुजराती- कुवाड़ियों। बंगला- चाकुन्दा। तेलुगू- तागरिस। तामिल- तगरे। मलयालम- तगर। फरसी- संग सबोया। इंगलिश- ओवल लीव्ड केशिया। लैटिन- केशिया टोरा।
वर्षा ऋतु की पहली फुहार पड़ते ही इसके पौधे खुद उग आते हैं और गर्मी के दिनों में जो-जो जगह सूखकर खाली हो जाती है, वह घास और पवाड़ के पौधे से भरकर हरी-भरी हो जाती है। इसके पत्ते अठन्नी के आकार के और तीन जोड़े वाले होते हैं।इसकी फलियाँ पतली व गोल होती हैं। यह खाँसी के लिए बहुत गुणकारी होता है, इसलिए इसे कासमर्द यानी कास (खाँसी) का शत्रु कहा गया है।
यह पूआड़या है इसका उपयोग बजन घटाने के लिए और बादी कम करने के लिए किया जाता है |यह नाम मालवा मैं प्रचलित है|
आशा
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