रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-3 का उत्तर ![](//3.bp.blogspot.com/_c00YjgTmliA/SrjT7qX-zYI/AAAAAAAAAGM/kN84krU6iZ0/s400/%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25AF%25E0%25A5%258B%25E0%25A4%2582%2B%25E0%25A4%2595%25E0%25A4%25BE%2B%25E0%25A4%2595%25E0%25A5%2581%25E0%25A4%2586%25E0%25A4%2581.jpg)
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-3 का
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रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-3 " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
और जानकारी सभी के लिए:
रुहेलखण्ड क्षेत्र में कुँओं की उपासना का प्रचलन भी है। इन कुँओं में बदायूँ नगर के समीप स्थित परियों का कुँआ विशेष रुप से उल्लेखनीय है। इस कुँए के बारे में एक किंवदंति है। इस किवंदति के अनुसार - एक बार मुगल बादशाह अकबर सन्तान प्राप्ति की मन्नत माँगने बदायूँ में स्थित छोटे सरकार की जारत पर आए। उनके साथ उनकी पत्नी जोधाबाई भी थीं। अकबर जोधाबाई के साथ इस कुँए के निकट से गुजरे। कुछ दूर जाकर जोधाबाई ने देखा कि सफेद वस्र धारण किए हुए कुछ स्रियां इस कुंए के जल से स्नान कर रही हैं। यह देखकर जोधाबाई इस कुँए की ओर बढ़ीं। किन्तु कुँए के निकट आते ही वह स्रियाँ अदृश्य हो गई। कुछ स्थानीय लोगों ने जोधाबाई को बताया कि ये स्रियाँ संभवतः परियाँ थीं। जोधाबाई ने इस कुंए के जल से स्नान किया। इसके उपरान्त वे छोटे सरकार की जारत पर गई। छोटे सरकार ने जोधाबाई को दिव्य रुप से यह संकेत दिया कि उन्हें सन्तान की प्राप्ति होगी। बाद में अकबर के यहाँ सलीम का जन्म हुआ। "तभी से इस कुँए के साथ यह मान्यता जुड़ी हुई है कि इसके जल से स्नान करने पर स्रियों को सन्तान की प्राप्ति अवश्य होती है। आज भी प्रतिदिन ऐसी असंख्य स्रियाँ इस कुँए के जल से स्नान करती हैं जिनको सन्तान प्राप्ति नहीं हो सकी है। स्रियों के मन में यह भावना अत्यन्त प्रबल है कि इस कुँए के जल के स्नान द्वारा मनचाही सन्तान प्राप्त होगी। सन्तान प्राप्ति की इच्छुक स्रियाँ लगातार छः बुधवार को यहाँ आकर स्नान करती हैं।
जिसके विजेता हैं-
श्री समीर लाल जी Udan Tashtari
रुहेलखण्ड क्षेत्र में कुँओं की उपासना का प्रचलन भी है। इन कुँओं में बदायूँ नगर के समीप स्थित परियों का कुँआ विशेष रुप से उल्लेखनीय है। इस कुँए के बारे में एक किंवदंति है। इस किवंदति के अनुसार - एक बार मुगल बादशाह अकबर सन्तान प्राप्ति की मन्नत माँगने बदायूँ में स्थित छोटे सरकार की जारत पर आए। उनके साथ उनकी पत्नी जोधाबाई भी थीं। अकबर जोधाबाई के साथ इस कुँए के निकट से गुजरे। कुछ दूर जाकर जोधाबाई ने देखा कि सफेद वस्र धारण किए हुए कुछ स्रियां इस कुंए के जल से स्नान कर रही हैं। यह देखकर जोधाबाई इस कुँए की ओर बढ़ीं। किन्तु कुँए के निकट आते ही वह स्रियाँ अदृश्य हो गई। कुछ स्थानीय लोगों ने जोधाबाई को बताया कि ये स्रियाँ संभवतः परियाँ थीं। जोधाबाई ने इस कुंए के जल से स्नान किया। इसके उपरान्त वे छोटे सरकार की जारत पर गई। छोटे सरकार ने जोधाबाई को दिव्य रुप से यह संकेत दिया कि उन्हें सन्तान की प्राप्ति होगी। बाद में अकबर के यहाँ सलीम का जन्म हुआ। "तभी से इस कुँए के साथ यह मान्यता जुड़ी हुई है कि इसके जल से स्नान करने पर स्रियों को सन्तान की प्राप्ति अवश्य होती है। आज भी प्रतिदिन ऐसी असंख्य स्रियाँ इस कुँए के जल से स्नान करती हैं जिनको सन्तान प्राप्ति नहीं हो सकी है। स्रियों के मन में यह भावना अत्यन्त प्रबल है कि इस कुँए के जल के स्नान द्वारा मनचाही सन्तान प्राप्त होगी। सन्तान प्राप्ति की इच्छुक स्रियाँ लगातार छः बुधवार को यहाँ आकर स्नान करती हैं।
जिसके विजेता हैं-
श्री समीर लाल जी Udan Tashtari
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रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-१ में सही उत्तर देने वाले नं०-2 हैं-
श्री ताऊ रामपुरिया
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-१ में सही उत्तर देने वाले नं०-3 हैं-श्री Pt.डी.के.शर्मा"वत्स" जी
इसके अतिरिक्त
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक, श्रीमतीvandanaगुप्ता, संगीता पुरी
एवं आशीष खण्डेलवाल (Ashish Khandelwal) आदि ने भी
इस प्रतियोगिता में भाग लेकर हमारा उत्साहवर्धन किया।
आज के विजेता श्री समीर लाल जी Udan Tashtari सहित
सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई!
निम्न प्रमाणपत्र
श्री समीर लाल जी Udan Tashtari की सम्पत्ति है
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