नव-वर्ष 2010 आप सबको मंगलमय हो!
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गुरुवार, 31 दिसंबर 2009
बुधवार, 30 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 का उत्तर (अमर भारती)
मोस्टामानु मंदिर, पिथौरागढ़, उत्तराखण्ड।
Mostamanu : Some six Km. by bus and then
2 Km. on foot
to the north of Pithoragarh is situated the temple
dedicated to Mosta God.
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13
के विजेता हैं
श्री समीर लाल जी Udan Tashtari
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 का
सही उत्तर देने वाले नं०-2 हैं-
श्री ताऊ रामपुरिया जी
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 का
सही उत्तर देने वाले नं०-3 हैं-
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 का
सही उत्तर देने वाले नं०-4 हैं-
श्री makrand जी
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 का
सही उत्तर देने वाले नं०-4 हैं-
श्री आशीष खंडेलवाल जी
इसके अतिरिक्त राज भाटिय़ाजी एवं सुश्री वन्दना गुप्ता जी ने भी
इस प्रतियोगिता में भाग लेकर हमारा उत्साहवर्धन किया।
आज के विजेता श्री समीर लाल जी Udan Tashtari सहित
सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाइयाँ!
निम्न प्रमाणपत्र श्री समीर लाल जी Udan Tashtari
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-14 में
अगले रविवार को सायं 5 बजे अवश्य भाग लें।
रविवार, 27 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 में आप सबका स्वागत है।
आपको पहचान कर निम्न चित्र का
नाम और स्थान बताना है।
उत्तर देने का समय 29 दिसम्बर सायं 7 बजे तक।
परिणाम बृहस्पतिवार 30 दिसम्बर को
सुबह 9 बजे प्रकाशित किये जायेंगे।
पहले सही उत्तर देने वाले प्रतिभागी को
नम्बर-1 दिया जायेगा
और पहेली का विजेता घोषित किया जायेगा।
इन्हें रविवासरीय आन-लाइन प्रमाणपत्र दिया जायेगा।
जिसे वह अपने ब्लॉग पर लगाने के अधिकृत होंगे।
सही उत्तर देने अन्य प्रतिभागियों को
क्रमश: 2-3-4-5- के स्थान पर रखा
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली -14
अगले रविवार को
सायं 4 बजे प्रकाशित की जायेगी।
मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का उत्तर (अमर भारती)
पहेली का उत्तर देने का समय समाप्त हो गया है!
परिणाम भी तैयार हैं, प्रकाशित कर देता हूँ!
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का सही उत्तर है-
Raghuvir temples,Jammu & Kashmir
रघुनाथ मंदिर का निर्माण लगभग साढ़े चार सौ वर्ष पूर्व महाराजा भगवतसिंह ने कराया था। मंदिर में राम, सीता, लक्ष्मणजी की प्रतिमाओं का भव्य दरबार स्थापित है। मंदिर में लगी लाल पत्थर की जालियां राजशाही समय की याद दिलाती हंै तथा मंदिर में पत्थर के पच्चीकारी युक्त दरवाजे लगे हैं। इसके वैभव का बखान करते हैं। साथ ही मंदिर के मुख्यद्वार पर बने पत्थर के दो द्वार पालक हर किसी को अपने और आकर्षित करते हैं, लेकिन वर्तमान में मंदिर में बने कई कमरों की पट्टियां टूट गई हंै । मंदिर के एक ओर हनुमानजी, भैरव बाबा तथा शिव परिवार की प्रतिमाएं स्थापित है। इस मंदिर में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए आते हंै।देवस्थान विभाग के द्वारा नाममात्र की वार्षिक सहायता दी जाती है। भगवान का प्रतिदिन प्रसाद भी नहीं बन पाता है। राम व लक्ष्मण की मूर्तियों में सबसे अहम बात यह है कि प्रतिमाओं के मूंछे बनी हुई जो राजा महाराजाओं की शान की प्रतीक मानी जाती है।
जिसकी विजेता हैं
सुश्री seema gupta जी
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का
सही उत्तर देने वाली नं०-2 हैं-
सुश्री अल्पना वर्मा जी
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का
सही उत्तर देने वाली नं०-3 हैं-
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का
सही उत्तर देने वाली नं.-4 हैं-
श्रीमती वन्दना गुप्ता
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 का
सही उत्तर देने वाले नं.-5 हैं-
सभी प्रतिभागियों ने इस पहेली का
बिल्कुल सही उत्तर दिया है।
लेकिन सबसे पहले सुश्री seema gupta जी ने
उत्तर दिया। अतः उनके विजेता होने पर
हार्दिक शुभकामना एवं बधाई!
निम्न प्रमाणपत्र सुश्री seema gupta जी की
सम्पत्ति है।
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-13 में
अगले रविवार को सायं 5 बजे अवश्य भाग लें।
अगले रविवार को सायं 5 बजे अवश्य भाग लें।
सोमवार, 21 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 में आप सबका स्वागत है।
आपको पहचान कर निम्न चित्र का
नाम और स्थान बताना है।
उत्तर देने का समय 22 दिसम्बर सायं 7 बजे तक।
परिणाम बृहस्पतिवार 23 दिसम्बर को
सुबह 9 बजे प्रकाशित किये जायेंगे।
पहले सही उत्तर देने वाले प्रतिभागी को
नम्बर-1 दिया जायेगा
और पहेली का विजेता घोषित किया जायेगा।
इन्हें रविवासरीय आन-लाइन प्रमाणपत्र दिया जायेगा।
जिसे वह अपने ब्लॉग पर लगाने के अधिकृत होंगे।
जिसे वह अपने ब्लॉग पर लगाने के अधिकृत होंगे।
सही उत्तर देने अन्य प्रतिभागियों को
क्रमश: 2-3-4-5- के स्थान पर रखा
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली -13
अगले रविवार को
प्रातः 8 बजे प्रकाशित की जायेगी।
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
"अँदरसा, पूरनपोली या पिटव्वा" (अमर भारती)
आज प्रस्तुत है- अँदरसाः
पूर्वी उत्तर प्रदेश में "पिटव्वा",
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में "अँदरसा
और सामान्यतः इसे "पूरनपोली" के नाम से जाना जाता है।
सामग्री-
2 कटोरी चावल का आटा।
2 कटोरी सूजी।
1 छोटा चम्मच खाने का सोडा।
6-7 पीस लाल (बड़ी) इलायची।
700 ग्राम गुड़।
1 गोला।
4 छोटे चम्मच सौंफ।
तलने के लिए रिफाइण्ड तेल।
सबसे पहले गुड़ को भगोने मे डाल कर आधा लीटर पानी के साथ गुड़ घुलने तक पकाएँ। तब तक गोले को घियाकस में तराश लें। अब सिल पर या मिक्सी में लाल इलायची छील कर इसके बीजों को सौंफ के साथ दरबरा पीस लें। सूजी और
चावल के आटे में इन्हें मिला दें। अब गुड़ के शरबत को छानकर इससे चावल और सूजी को 1 छोटा चम्मच खाने का सोडा और सौंफ डालकर आटे की तरह गूँद लें। (गुड़ का शरबत कम पड़ जाए तो पानी डाल लें) एक घण्टा यह गुँथा हुआ आटा ढक कर रख दें।
अब आटे को अच्छी तरह स मथ-मथ कर निम्न चित्र के अनुसार लोई बनाएँ और
हाथ से मोटी-मोटी थेप कर
(चित्र में मेरी छोटी बहन मुन्नी अँदरसे बना रही है)
खौलते रिफाइण्ड तेल की कड़ाही में डालते जाएँ। (ध्यान रहे की तेल काफी गर्म हो)
गाढ़े बादामी रंग की हो जाने पर पूरनपोली को निकाल लें।
अब खाने के लिए ये अँदरसे तैयार हैं।
इनका मजा ठण्डे करके खाने में ज्यादा आता है।
बासी होकर तो यह बहुत ही स्वादिष्ट लगती हैं।
ये इतनी मुलायम होते हैं कि बूढ़े व्यक्ति भी इन्हे आराम से खा लेते हैं।
मंगलवार, 15 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-11 का उत्तर (अमर भारती)
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-11 का सही उत्तर है-
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन , चम्पावत, उत्तराखण्ड
जिसकी विजेता हैं
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-11 का सही उत्तर देने वाले नं.-2 हैं-
श्री समीरलाल जी Udan Tashtari
इसके अतिरिक्त श्रीमती वन्दना एवं श्रीमती निर्मला कपिला ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लेकर हमारा उत्साहवर्धन किया।
आज की विजेता श्रीमती आकांक्षा जी सहित
सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाइयाँ!
निम्न प्रमाणपत्र श्रीमती आकांक्षा जी की सम्पत्ति है।
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-12 में
अगले रविवार को सायं 5 बजे अवश्य भाग लें।
अगले रविवार को सायं 5 बजे अवश्य भाग लें।
रविवार, 13 दिसंबर 2009
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-11
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली-11 में आप सबका स्वागत है।
आपको पहचान कर निम्न चित्र का
आपको पहचान कर निम्न चित्र का
नाम और स्थान बताना है।
आज अपराह्न् 3 बजे देख सकते हैं!
उत्तर देने का समय 14 दिसम्बर सायं 7 बजे तक।
परिणाम बृहस्पतिवार 15 दिसम्बर को
सुबह 9 बजे प्रकाशित किये जायेंगे।
पहले सही उत्तर देने वाले प्रतिभागी को
नम्बर-1 दिया जायेगा
और पहेली का विजेता घोषित किया जायेगा।
इन्हें रविवासरीय आन-लाइन प्रमाणपत्र दिया जायेगा।
जिसे वह अपने ब्लॉग पर लगाने के अधिकृत होंगे।
जिसे वह अपने ब्लॉग पर लगाने के अधिकृत होंगे।
सही उत्तर देने अन्य प्रतिभागियों को
क्रमश: 2-3-4-5- के स्थान पर रखा
रविवासरीय साप्ताहिक पहेली -12 अगले रविवार को
प्रातः 8 बजे प्रकाशित की जायेगी।
रविवार, 6 दिसंबर 2009
"हम अपनी 37वीं वैवाहिक वर्षगाँठ मना रहे हैं।" (श्रीमती अमर भारती)
5 दिसम्बर, 1973 को हमारी शादी हुई थी!
यानि हम अपनी
37वीं वैवाहिक वर्षगाँठ मना रहे हैं।
37वीं वैवाहिक वर्षगाँठ मना रहे हैं।
प्रस्तुत है मेरे स्वर में
इस शुभ-अवसर पर एक प्यारा सा गीत-
इस शुभ-अवसर पर एक प्यारा सा गीत-
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक एवं डॉ.(श्रीमती) अमर भारती)
गुरुवार, 26 नवंबर 2009
"गोल-गप्पे (पानी-पूड़ी) घर में बनाएँ।" (श्रीमती अमर भारती)
पानी पटाके, पानी पूरी या गोल-गप्पे देखकर
किसके मुँह में पाही नही आ जाता!
आइए आज आपको घर में ही
स्वादिष्ट गोल-गप्पे बनाने की विधि बतलाती हूँ-
एक कटोरी गेहूँ का आटा और आधी कटोरी सूजी को मिलाकर इसमें पानी डालकर आटे की तरह गूँथ लें!
15 मिनट बाद इसकी लोइयाँ बनाकर पतली-पतली रोटी बेल लें। रोटी को किसी छोटी कटोरी या छोटे डिब्बे के ढक्कन से गोल-गोल काट लें और एक बड़ी-ट्रे में काफी गीला कपड़ा बिछाकर उस पर ये गोल-गोल छोटी पूड़ियाँ लाइन से रखते जाएँ! कपड़ा भर जाने पर उसपर दूसरा कपड़ा गीला करके फिर बिछा दें। सारी पूड़ियाँ रखने के बाद फिर एक गीले कप़ड़े से ढक कर पानी का हल्का छींटा लगा दें। इन्हें 20 मिनट के लिए ढका रहने दें।
अब कड़ाही में रिफाइण्ड तेल लेकर कड़ाही को गैस-चूल्हे पर चढ़ा दे। तेल गर्म हो जाने के बाद आँच धीमी कर दें। अब एक-एक पूड़ी लेकर उसमे छोड़ें। पूड़ी को तेल के ऊपर आते ही उसे तुरन्त पलट दें और चमचे से धीरे धीरे दबाएँ। पूरी फूलकर गोलगप्पा हो जायेगी।ध्यार रहे- यदि पूड़ी पलटने मे देर लग जायेगी तो वह फूलेगी नही।
इन गोल-गप्पों को बादामी तलें। फिर इन्हे निकाल कर एक बड़ी छलनी में निकालते जाएँ। छलनी के नीचे एक गहरा बर्तन रख दें। इसमें पूड़ियों का फालतू तेल निकल जायेगा। अब इन्हें अखबार बिछाकर रखते जायें।।
इस तरह से सारी पूड़ियाँ तलकर निकालते जायें
अब आपको इनके लिए स्वादिष्ट चटपटा पानी बनाना है।
100 ग्राम इमली गूदा लें और उसमें चीनी और पानी डालकर स्टील के भगौने मे उबाल लें। ठण्डा हो जाने पर इसे मसल कर मोटी छलनी से छान लें। इस तरह से मीठी चटनी तैयार हो जायेगी।
इस चटनी को स्वादानुसार पानी में मिला दें।
(बाकी बची चटनी रख दें यह सोंठ या सॉस की तरह से पानी पूड़ियों मे डालने के काम आयेगी।)
चटनी मिले पानी में गरम-मसाला, नमक, काला नमक, पिसी मिर्च और हरी धनिया पीसकर स्वादानुसार मिला दें।
अब आपके पास पानी पूड़ी और चटपटा अर्क भी तैयार है।
उबले आलू या सफेद चने (छोले) उबालकर गोल-गप्पों में थोड़ा सा भरें और इस चटपटे स्वादिष्ट पानी में डुबोकर खायें।
आप चाट के ठेले पर जाना भूल जायेंगे।
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