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गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

“उत्तर:आओ ज्ञान बढ़ाएँ: पहेली-54” (अमर भारती)

पहेली-54 का उत्तर प्रकाशित करने से  
यह बताना चाहता हूँ कि 
मैंने पहेली-53 क्यों निरस्त की !
आपने मुल्ला नसरुद्दीन की गधे वाली कहानी तो पढ़ी ही होगी!
यानि क्लू मुश्किल दिया तो सभी ने बहुत बाबेला मचाया!
किसी मेरे मित्र ने तो यह भी लिख दिया कि आप जबरदस्ती अपना ब्लॉग हमें पढ़वाना चाहते हैं!
फिर मैंने आसान क्लू दे दिया! अब तो सबने यह लिख दिया कि उत्तर तो आपने पहेली के साथ ही चस्पा कर दिया!
कुछ ने लिखा कि इस बार की पहेली में मज़ा नहीं आया!
इसलिए पहेली 53 निरस्त कर दी गई!
पहेली-54 में अधिकांश ने तो  चोरी का ब्लॉग चलाने वाले 
हमारे परम हितैषी बंटी चोर की पोस्ट से 
टीप कर उत्तर लिख दिया!
जो मेरे हिसाब से कदापि सही नही बैठा!
पहेली का सही उत्तर दिया!
श्री राज भाटिय़ा जी ने!


अजी यह मंसूरी से कुछ दुर बनाई गई कृत्रिम झील है,जिसे मंसूरी झील से पुकारा जाता है, 
इसे मंसुरी -देहरादुण के विकास  प्राधिकरण 
द्वारा बनवाया गया है.

पहेली का सही उत्तर देनेवाले 
श्री राज भाटिय़ा जी 
मेरा फोटो
निम्न प्रमाणपत्र
श्री राज भाटिय़ा जी की सम्पत्ति है!
 इसके अतिरिक्त इन्होंने भी उत्तर देने का प्रयास किया
और
सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई
एवं शुभकामनाएँ!
अमर भारती पहेली न.-54 
अगले रविवार को 
प्रातः 9 बजे प्रकाशित की जायेगी!

चुराइए मत! अनुमति लेकर छापिए!!

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