अमर भारती साप्ताहिक पहेली-46 में |
उत्तर देने का समय 31 अगस्त, 2010, सायं 7 बजे तक! परिणाम 01 सितम्बर, 2010 को प्रातः 9 बजे तक प्रकाशित किये जायेंगे! |
सबसे पहले पहेली का सही उत्तर देनेवाले को न.-1 तथा पहेली का विजेता घोषित किया जायेगा! इसके बाद सही उत्तर देने वालों को क्रमशः 2-3-4-5 …. पर रखा जायेगा! पहेली के विजेता को ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा! अमर भारती पहेली न.-47 अगले रविवार को प्रातः 8 बजे प्रकाशित की जायेगी! |
27 टिप्पणियां:
बाज़
eagle
गरुड़
चील पक्षी है
Kite यानि चील है
गिद्ध है
कौआ
गिद्ध या कौआ
कुछ सही उत्तर भी भ्रमित करने के लिए यहाँ प्रकाशित किये जा सकते हैं!
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आप अपनी सही बात पर कायम रहें! नकल करना चाहें तो भी कोई हानि नही है!
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उत्तर बताने के लिए वैज्ञानिकता का भी सहारा लें!
कमेंट-मॉडरेशन भी हटा देते हैं! क्योंकि अभी तो ताऊ और समीरलाल जैसे दिग्गज भी यहाँ पधारेंगे!
कौआ .. फाईनल उत्तर
कौआ है ...
वो भी मस्ताया हुआ
वर्मा जी और बवेजा जी सोच लीजिए!
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अभी उत्तर देने के लिए काफी वक्त पड़ा है!
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कौआ बहुत चालाक और धोखे "बाज" पक्षी होता है!
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ये सोलिटरी पंछी है!
वैज्ञानिकता का क्या सहारा लें , कि बादल घिरे हुए हैं तो ये चातक होगा , संध्या का वक्त है तो घरों के आस पास कबूतर होगा , चित्र नीचे से खींचा गया है जैसे पक्षी फड़फड़ा कर उड़ा हो , पंख निसन्देह आम पक्षियों से बड़े लग रहे हैं , और बस्ती के काफी ऊपर तो लग ही रही है ..तो फिर चील ही होगी । इनाम की बात नहीं , हाँ रीजिनिंग की प्रक्रिया लिख दी है ।
ये तो चील है।
ये तो बाज है जी....
घुघुति अथवा कबूतर मे से एक
चील पंछी है.
ये चील है, इस चील का मोबाईल नंबर पता करके फ़िर उससे बात करके बताता हूं कि ये दोपहरी की धूप की बजाये बादलों में क्यों उडान भर रही है?:)
रामराम.
बहुत सुन्दर फोटो है.. बाज ही लगता है..
चील
झूंठ बोलें तो काला कौवा काटे वाला कौवा मस्ती में उड रहा है.
अभी अभी ताऊ ने अपने दिव्य नेत्र खोल कर देखा तो आकाश में उडता हुआ पंछी रामप्यारी की कल की पहेली में कैद कौवा जी महाराज हैं.
यही वो कौवे जी जनका हम श्राद्ध के दिनों में इंतजार करते रहते हैं पर ये आते ही नही हैं.
शहरों में ये आजकल अति दुर्लभ हो गये हैं. आने वाली पीढी के बच्चे इन्हें तस्वीरों से ही पहचानेंगे.
अंतिम जवाब यह काला कौवा उड रहा है.
रामराम.
सर बाज है....
White-bellied Eagle...
अगर हम ने इस का नाम बता दिया तो बाकी लोग क्या बतायेगे इस लिय्रे हम नही बताते की यह चातक या चातकी है, ठीक वर्षा आने से पहले यह खुशी से मस्त हो जाते है, बाकी पक्षी तो जल्दी जल्दी अपने घोषलो की तरफ़ भाग जाते है
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