पहेली - 32 का सही उत्तर है धोपेश्वरनाथ मंदिर, बरेली, उ.प्र., भारत धोपेश्वर नाथ मन्दिर (बरेली) बरेली नगर में स्थित धोपेश्वर नाथ के शिव मन्दिर के बारे में मान्यता है कि इसका निर्माण ॠषि धूम (तिथि अज्ञात) ने करवाया था। उन्हीं के नाम पर इसका प्राचीन नाम धूमेश्वरनाथ मन्दिर था। कालान्तर में इसे धोपेश्वर नाथ मन्दिर नाम दिया गया । यहाँ अवध के नवाब आसफउद्दौला के द्वारा एक विशाल जलाशय का निर्माण करवाया गया, जो आज भी विद्यमान है। शिवरात्रि तथा सावन के प्रत्येक सोमवार के अवसर पर असंख्य भक्तगण यहां शिव के दर्शन हेतु आते हैं। मन्दिर का प्रांगण अत्यन्त सुन्दर एवं मनोहारी है। सही उत्तर देने वाले नं.-1 पहेली के विजेता हैं! श्री रावेंद्रकुमार रवि जीसही उत्तर देने वाले नम्बर-2 हैं- श्री ताऊ रामपुरिया जीसही उत्तर देने वाली नम्बर-3 हैं- श्रीमती Babli जी इनके अतिरिक्त श्री yugal mehra जी ने भी इस पहेली में भाग लेकर हमारा उत्साहवर्धन किया! आज के विजेता श्री रावेंद्रकुमार रवि जी सहित सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाइयाँ! निम्न प्रमाणपत्र श्री रावेंद्रकुमार रवि जी की सम्पत्ति है। रविवासरीय साप्ताहिक पहेली–33 अगले रविवार को प्रातः 8 बजे प्रकाशित की जायेगी। |
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सोमवार, 10 मई 2010
“उत्तर:आओ ज्ञान बढ़ाएँ: पहेली-32” (अमर भारती)
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6 टिप्पणियां:
रावेंद्र जी को बधाई....बाकी सब विजेताओ को भी बधाई
अरे, वाह!
मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ!
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ताऊ जी और बबली जी को बधाई!
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संगीता जी को धन्यवाद!
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मुझको सबसे अच्छा लगता : अपनी माँ का मुखड़ा!
sabhi vijetaon ko badhayii.
विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
ज्ञानदत्त ने लडावो और राज करो के तहत कल बहुत ही घिनौनी हरकत की है. आप इस घिनौनी और ओछी हरकत का पुरजोर विरोध करें. हमारी पोस्ट "ज्ञानदत्त पांडे की घिनौनी और ओछी हरकत भाग - 2" पर आपके सहयोग की अपेक्षा है.
कृपया आशीर्वाद प्रदान कर मातृभाषा हिंदी के दुश्मनों को बेनकाब करने में सहयोग करें. एक तीन लाईन के वाक्य मे तीन अंगरेजी के शब्द जबरन घुसडने वाले हिंदी द्रोही है. इस विषय पर बिगुल पर "ज्ञानदत्त और संजयदत्त" का यह आलेख अवश्य पढें.
-ढपोरशंख
रवि जी,ताऊ जी और बाकि सभी विजेताओं को बधाई!
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