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गुरुवार, 1 दिसंबर 2011

"मेथी खाइए! रोग भगाइए!!" (श्रीमती अमर भारती)

"मेथी खाइए! शुगर भगाइए!!" 
आज मैं आपको बाजार में बहुतायत से मिलने वाले मेथी के साग को बनाने की विधि बता रही हूँ!
पौष्टिक 200 ग्राम उड़द की छिलके वाली दाल और हरी मेथी यानि मेथी के पत्ते 500 ग्राम बाजार से लाइए और स्वादिष्ट और पौष्टिक साग बनाइए।
सामग्री-
500 ग्राम ताजा हरा मेथी पत्ता।
200 ग्राम उड़द की छिलके वाली दाल।
हरा धनिया 50 ग्राम।
पिसी हल्दी आधा चम्मच।
सूखी लाल मिर्च 4-5 नग।
दो चम्मच देशी घी।
छौंक लगाने के लिए एक चम्मच जीरा और 2-3 सूखी लाल मिर्च।
नमक स्वादानुसार।
विधि-
सबसे पहले मेथी को धोकर काट मोटा-मोटा लीजिए और उड़द की छिलके वाली दाल को ध्यानपूर्वक बीनकर धोकर मेथी के साथ 300 ग्राम पानी डालकर भगौने में उबलने के लिए रख दीजिए और इसमें आधा चम्मच पिसी हल्दी के साथ नमक स्वादानुसार डालकर 4-5 सूखी लाल मिर्च तोड़ कर डाल दीजिए।
जब दाल गल जाए और पानी सूख जाए तो कड़ाही में दो चम्मच देशी घी डालकर जीरा और 2-3 लाल मिर्च डालकर भूनिए। जब मिर्च और जीरा भूरे-काले रंग का हो जाए तो दाल के साथ उबली मेथी डालकर कुछ देर तक भूनिए और कटा हुआ हरा धनिया मिला दीजिए!
अब तैयार हो गई है आपके लिए शुगर भगाने वाली निरोगी दालवाली मेथी की भुजिया। जो बहुत स्वादिष्ट होती है। इसे रोटी, पूड़ी या पराँठे के साथ खाइए।
एक बार बनाकर तो देखिए यह भुजिया। 
आप बार-बार यह बनाना चाहेंगे 
और खाने वाले इसकी जी भर 
कर प्रशंसा भी करेंगे। 

शनिवार, 26 नवंबर 2011

"मैं भी ब्लॉगिंग सीख रही हूँ" (श्रीमती अमर भारती)


 ब्लॉग जगत के सभी सुधि पाठकों को मेरा प्रणाम!
मेरे पति डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' पूरा-पूरा दिन नेट पर बैठे रहते हैं। पहले यह मुझे बहुत अखरता था मगर अब मैंने भी ब्लॉगिंग में रुचि लेना शुरू कर दिया है।
आज मैं अपनी पहली पोस्ट अपने ब्लॉग पर लगा रही हूँ!
आइए मज़ेदार खीर बनाते हैं!
एक कटोरी चावल को भिगो कर थोड़ी देर रख दीजिए। उसके बाद इनको मिक्सी में दरदरा पीस लीजिए।
एक लीटर दूध को एक लीटर पानी मिला कर प्रैशर कुकर में डालिए। उसमें यह पिसा हुआ चावल मिलाइए। 10 नग बादाम गिरि को छोटा-छोटा काटिए और 10 नग काजू के चार पीस करके इसमें डालिए। 5 छोटी इलायची के बीज पीस कर भी इसमें डाल दीजिए। 10 नग मखाने भी इसमें डालिए। अब स्वाद के अनुसार चीनी इसमें डाल दीजिए और गैस ऑन करके प्रैशर कुकर का ढक्कन और सीटी भी लगा दीजिए। जब कुकर में स्टीम बन जाए तो आँच बिल्कुल धीमी कर दीजिए जिससे की सीटी न लगने पाए।
10 मिनट पकने के बाद गैस बन्द कर दीजिए और प्रैशर समाप्त होने के बाद ही कुकर खोलिए। ध्यान रहे जब तक प्रैशर कुकर में स्टीम का प्रैशर रहे भूलकर भी कुकर का ढक्कन खोलने की कोशिश न करें।
आपके लिए मजेदार बादामी रंग की खीर तैयार है।
यदि आप चाहें तो इस खीर में पहले से ही भिगो कर रखी (फूली हुई) किशमिस भी मिला सकती हैं।
इस खीर का आनन्द ही अलग है। 
यहा आप पर निर्भर है कि आप इसको गर्म खाएँ या फ्रिज में ठण्डी करके खाएँ!

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2011

"परिणाम" (दीपावली का उपहार)-श्रीमती अमर भारती

जालजगत् के भवसागर में
डूबते-उतराते हुए
पहेली का 100वाँ पड़ाव भी आया!
दीपावली के प्रकाश पर्व पर
साहित्य शारदा मंच, खटीमा (उत्तराखण्ड) के सौजन्य से
मैं डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
और श्रीमती अमर भारती
उपहार स्वरूप निम्न सम्मानपत्र
प्रमाण पत्र के रूप में भेट कर रहे हैं!
सबसे पहले
इसके बाद
तथा सभी प्रतिभागियों को
को हार्दिक शुभकामनाएँ!
-0-0-0-
उपरोक्त प्रमाणपत्र आपकी सम्पत्ति है।
कृपया इन्हें स्वीकार करें!
-0-0-0-
प्रकाश पर्व दीपावली की
शुभकामनाओं सहित-
- श्रीमती अमर भारती
एवं
- डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"
दिनांक-25 अक्टूबर, 2011

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2011

"पहेली:100-जरूरी सूचना" (श्रीमती अमर भारती)

एक ज़रूरी सूचना!
पहेली संख्या-100
के 
विजेताओं की सूची
दीपावली से एक दिन पूर्व
25-10-2011
मंगलवार को
प्रकाशित की जाएगी!
उसी में आपको ऑनलाइन 
ब्लॉगश्री के प्रमाणपत्र भी
दिये जाएँगे!
जिन्हें आप 
अपने ब्लॉगपर लगाइए
या 
प्रिंट कराकर
सुरक्षित कर लीजिए!
♥सादर♥
श्रीमती अमरभारती
एवं
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

रविवार, 18 सितंबर 2011

"आओ ज्ञान बढ़ाएँ-पहेली:100" (श्रीमती अमर भारती)


अमर भारती साप्ताहिक पहेली-100
में आप सबका स्वागत है!
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए!
1- काव्य की आत्मा किसे कहा जाता है?
2- काव्य का भूषण किसे कहा जाता है?
3- छन्द के प्रमुख अंग कौन-कौन से होते हैं?
4- जयशंकर प्रसाद का वह कौन सा उपन्यास है,
जिसे वे पूरा नहीं कर पाये?
5- दिल्ली से पहले भारत की राजधानी कहाँ थी?
उत्तर देने का समय


उत्तर प्रकाशित करने में
25 सितम्बर, 2011, सायं 5 बजे तक!
हमारी टीम को 15 दिनों का समय लग जाएगा!
जिसमें आद्योपान्त लेखा-जोखा निकाल कर ही
परिणाम दिये जाएँगे।
पहेली नं. 100 का सही उत्तर देने वालों को
ब्लॉगश्री की मानद उपाधि से
अलंकृत किया जाएगा!
पहेली के विजेताओं को
ऑनलाइन प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा!

मंगलवार, 13 सितंबर 2011

"उत्तर आओ ज्ञान बढ़ाएँ-पहेली:99" (श्रीमती अमर भारती)


भाग लेना न भूलिए!

अमर भारती साप्ताहिक पहेली-100

18 सितम्बर को प्रकाशित होगी!
जिसका उत्तर प्रकाशित करने में
हमारी टीम को 15 दिनों का समय लग जाएगा!
जिसमें आद्योपान्त लेखा-जोखा निकाल कर ही
परिणाम दिये जाएँगे।
पहेली नं. 100 का सही उत्तर देने वालों को
ब्लॉगश्री की मानद उपाधि से
अलंकृत किया जाएगा!

अमर भारती साप्ताहिक पहेली-99

का सही उत्तर है!

"पमार" का पौधा है यह तो,
कुछ जगह इसको "पमाड़" भी बोला जाता है!
सबसे पहेली का पहले सही उत्तर दिया,
अतः आज की पहेली के विजेता रही!
My Photo
ये विजेता नं.-2 रहे!
आपके प्रतिभाग करने के लिए आभार!
निम्न प्रमाणपत्र
श्रीमती विद्या, चेन्नई की सम्पत्ति है

सभी प्रतिभागियों के उत्तर निम्नवत् रहे!
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:१७ पूर्वाह्न
मेथी
vidhya ११ सितम्बर २०११ ८:२६ पूर्वाह्न
"पमार" का पौधा है यह!
कुछ जगह पमाड़ भी बोला जाता है इसको
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:३४ पूर्वाह्न
यह Chakramarda का पौधा है यह वार्षिक उगने वाली खरपतवार है Biological Name: Cassia tora
Other Names: Jue ming zi, Prapanna, Cassia, Takara, chakramarda, cassia seed, chakunda
दर्शन लाल बवेजा ११ सितम्बर २०११ ८:४४ पूर्वाह्न
ये तो बहुत ही कामन वीड है जगह जगह बिखरी उगी पड़ी है इसकी सही जानकारी मिली आज
धन्यवाद
Udan Tashtari ११ सितम्बर २०११ ९:१६ पूर्वाह्न
मेथी ही लगता है.....मेथी!!
गजेन्द्र सिंह ११ सितम्बर २०११ १२:४९ अपराह्न
शास्त्री जी,
हमारे यहा तो इस पेड़ को "पमहाड़" के नाम से जाना जाता है .... आपके यहा पता नहीं किस नाम से जानते है
इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता , न तो ओसे पशुओ को खिलाया जाता है और न ही इसकी फलियो का कोई इस्तेमाल होता है
शायद कोई जड़ी बूटी हो तो इसके बारे मे हमे नहीं पता
वन्दना ११ सितम्बर २०११ ४:१८ अपराह्न
methi kah rahe hain to methi hi hoga hamein to pata nahi.
mridula pradhan ११ सितम्बर २०११ ५:३१ अपराह्न
'gwaar ki fali'.
mridula pradhan ११ सितम्बर २०११ ५:३४ अपराह्न
'gwaar ki fali'.
SANSKRITJAGAT ११ सितम्बर २०११ ९:३१ अपराह्न

मूँगफली का पौधा है श्रीमन्‍त ।हमारे घर पर इनकी खेती पहले होती थी ।इनके फल भी सितम्‍बर के आस पास ही आते हैं ।
हमारे तरफ इनकी आज भी पर्याप्‍त मात्रा में खेती की जाती है ।
रहस्‍योद्घाटक ११ सितम्बर २०११ ९:४६ अपराह्न
hamare taraf aisi ek ghas hoti hai jise chakvad kahte hainiski pattiyan aur phool dono hi usse milte hain
mujhe to ye chakvad hi lag raha hai
रजनी मल्होत्रा नैय्यर १२ सितम्बर २०११ ७:१२ पूर्वाह्न
चकवड़ का पौधा है ये .....
anil १२ सितम्बर २०११ १०:३६ पूर्वाह्न
yeh maithi ka paudha hai
आशा १३ सितम्बर २०११ ६:५३ पूर्वाह्न
यह एक मेथी के सामान दिखने वाली पत्तियों वाला पौधा है

इसका नाम है 'लचका 'यह दीखता तो
माथी जैसा है पर स्वाद में कड़वा होता है |
आशा
डा.राजेंद्र तेला"निरंतर" Dr.Rajendra Tela,Nirantar" १३ सितम्बर २०११ ९:५१ पूर्वाह्न
चकवड़ को पवाड़, पवाँर, जकवड़ आदि नामों से पुकारा जाता है।
संस्कृत- चक्रमर्द। हिन्दी-पवाड़, पवाँर, चकवड़। मराठी- टाकला। गुजराती- कुवाड़ियों। बंगला- चाकुन्दा। तेलुगू- तागरिस। तामिल- तगरे। मलयालम- तगर। फरसी- संग सबोया। इंगलिश- ओवल लीव्ड केशिया। लैटिन- केशिया टोरा।
वर्षा ऋतु की पहली फुहार पड़ते ही इसके पौधे खुद उग आते हैं और गर्मी के दिनों में जो-जो जगह सूखकर खाली हो जाती है, वह घास और पवाड़ के पौधे से भरकर हरी-भरी हो जाती है। इसके पत्ते अठन्नी के आकार के और तीन जोड़े वाले होते हैं।इसकी फलियाँ पतली व गोल होती हैं। यह खाँसी के लिए बहुत गुणकारी होता है, इसलिए इसे कासमर्द यानी कास (खाँसी) का शत्रु कहा गया है।
आशा १३ सितम्बर २०११ ११:२६ पूर्वाह्न
यह पूआड़या है इसका उपयोग बजन घटाने के लिए और बादी कम करने के लिए किया जाता है |यह नाम मालवा मैं प्रचलित है|
आशा

चुराइए मत! अनुमति लेकर छापिए!!

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