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गुरुवार, 1 सितंबर 2011

"गोलगप्पे (पानी पूरी) घर पर ही बनाइए!" (श्रीमती अमर भारती)


हम लोग बाज़ार का कोई खाना नहीं खाते हैं!
छोले-भटूरे, इडली-डोसा, गोलगप्पे (पानी पूरी)
टिक्की-समोसा और मिठाई भी 
घर में ही बनी हुई इस्तेमाल करते हैं।
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आज मैं आपको गोलगप्पे (पानी पूरी) 
बनाने की विधि समझा रही हूँ।
♥ विधि ♥
एक कटोरी (200 ग्राम) गेंहूँ का आटा
एक कटोरी (200 ग्राम) सूजी
दोनों को मिला कर आप आटे की तरह से 
गूँथ लीजिए और 10 मिनट बाद इसकी लोई बना कर
सूखा आटा लगा कर रोटी की तरह पतली बेल लीजिए!
अब इस रोटी को किसी ढक्कन 
या छोटी कटोरी की सहायता से 
गोल-गोल काट लीजिए!
अब कोई बड़ी ट्रे लेकर उसमें गीला कपड़ा बिछाइए
और इन छोटे-छोटे गोलगप्पों को 
गीले कपड़े पर लाइन से रखते जाइए!
ध्यान रहे कि गोलगप्पे आपस में सटे हुए न हों,
जिससे कि वो आपस में एक-दूसरे से न चिपक जाएँ!
जब ट्रे कच्चे गोलगप्पों से भर जाए तो इसके ऊपर
दूसरा गीला कपड़ा बिछाइए और उस पर भी
गोलगप्पे रखती जाइए।
जब सारे गोलगप्पे बन जाएँ तो उनके ऊपर से
एक गीला कपड़ा और ढक दीजिए!
15 मिनट बाद
कड़ाही में आधा लीटर या अपनी जरूरत के मुताबिक
कुछ ज्यादा रिफाइंड तेल गैस पर चढ़ा दीजिए।
जब तेल तलने लायक गर्म हो जाए तो
आप ढके हुए कच्चे गोलगप्पों में से
(नोट-गीला कपड़ा उतना ही हटाइए 
जितना गोलगप्पा उठाने के लिए आवश्यक हो!)
एक गोलगप्पा डालिए
 
और इसको
5 सेकेण्ड बाद पलट दीजिए और थोड़ा सा पलटे से
तेल में दबाइए। 
आप विश्वास करें या न करें,
यह गोलगप्पा फूल कर गोल-मटोल हो जाएगा।
लेकिन याद रखिए कि अगर आँच कम होगी तो
ये गोलगप्पे फूलेंगे नहीं और बहुत ज्यादा आँच होगी
तो ये जल्दी ही जलने लगेंगे।
इसलिए आँच पर आपको बहुत ध्यान रखना होगा।
जब तक एक गोलगप्पा न फूले तब तक
दूसरा कड़ाही में न डालें। एक बस में आ जाए तो 
तुरन्त ही दूसरा डालिए 
और 
उसको उपरोक्त विधि से फुला लीजिए।
जो बादामी रंग के होते जाएँ,
उनको एक बड़े आकार की स्टील की छलनी में रखती जाएँ!
छलनी के नीचे एक कटोरानुमा बर्तन जरूर रख लें।
जिससे कि गोलगप्पों का अनावश्यक तेल
कटोरे में निकल जाए।
जब छलनी गोल गप्पों से भर जाए तो
आप इनके गोलगप्पे एक अखबार पर रखते जाएँ!
है ना आसान तरीका पानीपूरी (गोलगप्पे) बनाने का!
लीजिए गोलगप्पे तो तैयार हो गये!
अब  खट्टी-मीठी सोंठ भी तो बनानी ही पड़ेगी!
इसके लिए आप 100 ग्राम इमली का गूदा लें
और स्टील के भगोने में इसे डालकर
इसमें पानीऔर स्वादानुसार नमक डालकर पका लें।
ठण्डा होने पर इसे मसल कर छलनी से छान लें। 
इसमें से कुछ भाग आप निकाल लें।
यह खट्टी सोंठ होगी।
मीठी सोंठ बनाने के लिए
आप शेष बची हुई इमली की खटाई को 
स्वादनुसार गुड़ या चीनी डालकर
चीनी या गुड़ पिघलने तक पकाएँ!
लीजिए यह मीठी सोंठ तैयार हो गई!
अब गोलगप्पों के लिए मसालेदार 
खट्टा-मीठा पानी बनाने के लिए
गरम मसाला दो चम्मच,
अगर मसाला घर में न हो तो
10 लौंग (एक छोटी चम्मच)
एक छोटी चम्मच काली मिर्च
जीरा 2 चम्मच
दालचीनी, जायफल, जावित्री  5-5 ग्राम लेकर
इन्हें सूखे तवे पर थोड़ा सा भून लें
और मिक्सी में बारीक पीस लें।
अपनी जरूरत के अनुसार
एक स्टील के पात्र में पानी लें
और इसमें तैयार किया गया 
गरम मसाला, तैयार की गई मीठी सोंठ,
स्वादानुसार नमक, काला नमक और
स्वादानुसार पिली लालमिर्च मिलाकर
चख कर देख लें। 
अधिक चटपटा हो तो और पानी मिला लें।
कम लगे तो नमक और काला नमक और मिला लें।
अब इस पानी को गोलगप्पों में भरें
और इनको चटखारे ले-लेकर खाएँ।
गोलगप्पों में भरने के लिए
आप उबले हुए छोले या 
उबले आलू का भी प्रयोग कर सकते हैं।
अगर आप चटपटे पानी वाले गोलगप्पे
पसंद न करते हों तो
दही सोंठ और आलू या छोले भरकर भी खा सकते हैं!

नोट-अगर घर में भरा पूरा बड़ा परिवार हो
या आप बाज़ार के दूषित घी-तेल से
बचना चाहें, तभी आप इतना सब करें।
बाज़ार से सस्ते और साफ-सुथरे होंगे यह!

चुराइए मत! अनुमति लेकर छापिए!!

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