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सोमवार, 16 नवंबर 2009

"उड़द की दाल की खिचड़ी" (श्रीमती अमर भारती)

रविवासरीय पहेती कुछ  समय के लिए स्थगित कर दी गईं है।
इससे पहली पोस्ट में मैंने आपको आँवले का ताजा अचार बनाने की विधि बताई थी।
इस पर एक सुधि पाठक श्री सिद्धेश्वर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया निम्नरूप मे व्यक्त की थी-
sidheshwer ने कहा…
बहुत सरल शब्दों में अचार बनाने की विधि समझाई गई है और आजकल आँवला भी खूब मिल रहा है , सो
-०१- बाजार जाकर आँवले लाते हैं.०२- आपकी बताई विधि से बनाते हैं.और०३- खिचड़ी की दावत पर आपको बुलाते हैं. लेकिन एक अनुरोध-स्वादिष्ट खिचड़ी (उड़द दाल की) बनाने की विधि तो बतायें ताकि जल्दी हम आपको दावत पर बुलायें।
आदरणीय सिद्धेश्वर सिंह जी आपकी दावत स्वीकार है। 
स्वादिष्ट उड़द दाल की खिचड़ी इस प्रकार से बनाएँ-
दो गिलास नये चावल (इन्द्रासन धान के या अन्य किसी भी किस्म के)
आधा गिलास उड़द की छिलके वाली दाल को ध्यानपूर्वक बीन लें ताकि पत्थर आदि की 
सम्भावना न रहे।
इसके बाद दाल और चावल को मिलाकर 4-5 बार साफ पानी से धो लें।
अब इसे प्रैशर-कुकर में डाल लें। 

इसमें चार गिलास पानी और दो छोटे चम्मच नमक(या स्वादानुसार)
डालकर धीमी आँच पर पकाएँ। सीटी लगने के 2 मिनट बाद गैस बन्द कर दें।
15 मिनट बाद कुकर को खोलें।
स्वादिष्ट खिचड़ी तैयार है।


इसे भोजन-थाल में परोसकर रुचि के अनुसार देशी-घी मिलाकर खायें।
इसके साथ अचार, हरा धनिया-हरी मिर्च और टमाटर की ताजा चटनी,
सिरके वाली मूली, हल्दी-जीरा-राई से छौंका हुआ मट्ठा, 
फूल-गोभी की सब्जी,
आँवला का ताजा अचार और पापड़ हो तो 
इस खिचड़ी के आगे सारे व्यञ्जन बेकार हैं।
सर्दी के मौसम में इससे बढ़िया दूसरा भोजन हो ही नही सकता।
चित्र मे एक बाउल में पीली वस्तु कढ़ी नही है, 
हल्दी और राई से छौंका गया मट्ठा है!

चुराइए मत! अनुमति लेकर छापिए!!

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